-पंचमुखी न्यूज़-
बिहारशरीफ डेस्क। प्राचीन काल से ही नालंदा ज्ञान की भूमि रही है। नालंदा विश्वविद्यालय ने सात सौ वर्षों तक शिक्षा के क्षेत्र में पूरे विश्व में इसे सिरमौर बनाये रखा है। इसी गौरव-गरिमा को कायम रखने के लिए एशिया का एक मात्र पाली शोध संस्थान नव नालंदा महाविहार की स्थापना की गई है। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सद्प्रयासों से नालंदा यूनिवर्सिटी राजगीर तथा नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी की स्थापना की गयी है। पर नालंदा जिला शिक्षा विभाग के भ्रष्ट पदाधिकारी व शिक्षाकर्मी अब इसे धूल-धूसरित करने में जुट गए हैं। यहाँ के शिक्षा विभाग में व्याप्त अराजकता, भ्रष्टाचार एवं घोटाला के खिलाफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने तीन वर्षों से जन-आंदोलन छेड़ रखा है। जिलाध्यक्ष राजकुमार पासवान के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को बिहारशरीफ अस्पताल चौक पर जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) सुजीत कुमार राउत एवं कार्यालय लिपिक अमित कुमार द्वारा की कमाई जा रही अवैध सम्पत्तियों की जाँच आर्थिक अपराध इकाई से कराने तथा इनके कार्यकालों के कार्यों की उच्चस्तरीय जाँच कराने की मांग को लेकर उक्त शिक्षाकर्मियों का पुतला दहन किया गया।
इस अवसर पर राजकुमार पासवान ने बताया कि जबसे जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार की पदस्थापना नालंदा जिले में हुई है, तबसे विभागीय नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुये निजी लाभ में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना सुजीत कुमार राउत के साथ मिलकर खुलेआम लूट मचा रखी हैं। उन्होंने बताया कि जिला शिक्षा पदाधिकारी के पत्रांक- 597 दिनांक- 8.2.2024 का उल्लंघन करते हुये मनमानी तरीके से घटिया क्वालिटी के बेंच-डेस्क निजी कम्पनी से मिलकर विद्यालयों में भेजा गया है, जो अपने आप में जिला शिक्षा पदाधिकारी के आदेश की अवहेलना है।
श्री पासवान ने आरोप लगाया है कि खरीदारी तथा विद्यालय के सफाई में उपयोग राशि का रातो-रात 30 और 31 मार्च को बगैर सामग्री क्रय किये हुए एवं क्रय समिति की बिना स्वीकृति के संवेदकों को मेल में लाकर जबरन प्रधानाध्यापक को दबाव देकर बेंच-डेस्क प्राप्ति का अनुमोदन कराया गया है। जिसमें शिक्षा समिति के सदस्यों को नजर अंदाज करना विभागीय नियमों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इस कार्य में कार्यालय लिपिक अमित कुमार तिवारी की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। अगर सम्पूर्ण बिहार में इसकी जाँच कराई जाए तो चारा घोटाला से भी बड़ा शिक्षा घोटाला सामने आयेगा। अकेले नालंदा जिले में करीब 5 करोड़ की घोटाला जाँच में प्रकाशित होने की संभावना है।
उन्होंने आगे बताया कि दूसरी तरफ विभागीय पत्र निदेशक प्राथमिक शिक्षा के कार्यालय ज्ञापांक- 1548 दिनांक- 05.09.2023 के द्वारा 10 सितम्बर 2023 तक प्रमोशन देना था। समय सीमा पार करने के बाद अवैध वसूली करने के लिये शिक्षक प्रोन्नति प्रधानाध्यापक ने वरीय को नजरअंदाज कर पैसे के बल पर मनमाना पोस्टिंग आचार संहिता की पूर्व संध्या पर की गई है। वह भी प्रोन्नति लिपिक अमित कुमार तिवारी बिहारशरीफ के निजी होटल में रात्रि 11 बजे अनिल कुमार प्रधानाध्यापक मध्य विद्यालय साठोपुर बिहारशरीफ ने मिलकर पदस्थापन का खेल खेला गया, जिसकी जाँच अनिल कुमार एवं अमित कुमार के निजी मोबाईल का सीडीआर की से जाँच की जा सकती है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) द्वारा धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जहाँ एक ओर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपर मुख्य सचिव केके पाठक को ईमानदार का तगमा दिये हैं। वहीं इनके नजर के सामने शिक्षा विभाग में लूट मची है। उपरोक्त लोगों की सम्पत्ति की जाँच नहीं कराई गई तो न्यायालय तक जाऊंगा।
इस मौके पर रामदेव पासवान, ब्रहमदेव प्रसाद, आरती कुमारी, सरिता कुमारी, बालमिकी प्रसाद, रामउचित, शंभु कुमार, राजा सिंह, अभिषेक सिंह, मो. आजाद, मो. इमरान खान, मो. शमीम, अजित कुमार, रंजित कुमार, छोटु पासवान, दीपक कुमार, दिपक पासवान, पप्पु पासवान आदि लोगों ने भी भ्रष्ट शिक्षा पदाधिकारी के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने की मांग की और मांगे नहीं माने जाने पर पार्टी द्वारा जन आंदोलन चलाए जाने की घोषणा की है।