-पंचमुखी न्यूज़-
बिहारशरीफ डेस्क। नालंदा जिला में बेन प्रखंड के मुरगावां गाँव स्थित शिव मंदिर में महाशिवरात्रि के मौके पर भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं ने दूध, घी, गन्ना का रस व गंगाजल से स्नान कराने करने के बाद भांग, धतूरा, बिल्वपत्र, फूल आदि पूजन सामग्रियों से पूजा-अर्चना की। भोले शंकर से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगा। हर-हर महादेव के जयघोष से चारों दिशाएं दिन भर गुंजायमान होती रहीं। अहले सुबह से ही पूजा की थाली लेकर श्रद्धालु पहुंचने लगे थे।
बेन प्रखंड के मुरगावां मंदिर में गया के सुप्रसिद्ध पंडित अरुण मिश्रा व विद्वान पंडित मुकुल ने रुद्राभिषेक का आयोजन किया। सुप्रीम कोर्ट के प्रख्यात विधिवेत्ता गोपाल सिंह ने प्रत्येक साल की भांति इस बार भी रुद्राभिषेक में भाग लिया। क्षेत्रीय लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि अतिव्यस्तताओं के बावजूद गोपाल बाबू का हर साल मुरगावां में शिवरात्रि के मौके पर उपस्थित उनके गाँव के प्रति अनुराग को प्रदर्शित करता है। उनके आने से गाँव वाले अभिभूत हो जाते हैं और उनका उत्साह चौगुना हो जाता है।
इस बार महाशिवरात्रि के अवसर पर सुबह से ही जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। शिवरात्रि पर विशेष पूजा अर्चना के साथ भजन-कीर्तन किया गया। इस अवसर पर विनोद नारायण सिंह, रामनरेश सिंह, मुकुंद माधव, राजीव कुमार मुन्ना, श्याम शंकर शर्मा, शिव शंकर सिंह, रामानुज राम, रमेश कुमार, सदन सिंह आदि गणमान्य लोगों ने महाशिवरात्रि को अपूर्व बनाने में अहम् भूमिका निभाई। इन लोगों ने विधिवेत्ता गोपाल सिंह के प्रति आभार व्यक्त किया है कि उनके सद्प्रयासों के प्रतिफल के रूप में आज मुरगावां एक पर्यटन स्थल का आकार ले रहा है। साथ ही लोगों ने इस बात के लिए गहरा क्षोभ व्यक्त किया है कि क्षेत्रीय विधायक या सांसद का गाँव के विकास में एक रुपये का योगदान तक नहीं है। इतना ही नहीं, भारत सरकार के हुडको द्वारा दिए गए करोड़ों की राशि को गन्दी राजनीति के कारण खर्च होने से रोका गया है।
यहाँ आने-जाने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि तालाबों के सौदर्यीकरण पर सरकार लाखों रुपये खर्च करती हैं, पर यहां की मंदिर समिति द्वारा आपसी सहयोग के बल पर साफ़-सफाई की जाती है। पास -पड़ोस के कई गाँवों में मुरगावां तालाब के जल का उपयोग रुद्राभिषेक में किया जाता रहा है। हरिहरबिगहा गाँव में आयोजित सातदिवसीय यज्ञ महोत्सव मे भारी तादाद में महिलाओं ने इस तालाब के जल को कलशों में भर कर शोभा यात्रा निकाली। विभिन्न प्रकार के पुष्पों से आच्छादित होने से मुरगावां तालाब क्षेत्र को रमणीक बना रहा है। यहाँ आने-जाने बहुत सारे लोगों को सेल्फी लेते देखा जा रहा है। मुरगावां शिव मंदिर तथा यहाँ के तालाब का जिस तेजी से विकास हो रहा है, नालंदा का यह रमणीक स्थल आने वाले दिनों में पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो जाए – यह कहना कोई अतिश्योक्ति न होगी।